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पार्टी के बारे में

इतिहास,विचारक एवं संस्थापक

पार्टी का निर्माण स्व0 श्रीमती विमला देवी जी पत्नी श्री राम कृष्ण जी के अथक प्रयास व प्रेरणा से किया गया।

अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार पार्टी“ का उद्देश्य प्रत्येक भारतीय को आर्थिक एवं भौतिक उन्नति प्राप्त कराना तथा सुरक्षित संयमित तथा शांति पूर्ण एवं संघात्मक व संवैधानिक नीतिगत उपायों से संयमित एवं सुसंस्कृत तथा जातिगत भेदभाव रहित समाजवादी राज्य कायम करना है तथा

राष्ट्रीय भाषा के प्रचार व प्रसार के लिए प्रेरित करना, जिसका लक्ष्य प्रत्येक भारतीय के अन्दर भारत को विश्व का सबसे आर्थिक ,सामाजिक एवं सांस्कृतिक रुप से शक्तिशाली साम्राज्य बनाने के लियं प्रेरित करना तथा उनके अन्दर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को विकसित व सशक्त करना है।

आपसी सहयोग

आपसी प्रेम व सहयोग एवं एक दूसरे की भावनाओं को समझाना व तन मन एवं धन से मदद करने में विश्वास रखना ।

समानता

जातिगत विभेद से उपर उठकर एक दूसरे के सुख दुख में एक परिवार के सदस्य की तरह बराबर के हिस्सेदार बन सके ।

हमारी नीतियां

जो देश और समाज के लिए है

विजन

पार्टी का मुख्य मुद्दा देश के कमजोर, गरीब, असहाय व बेरोजगार लोगो को आर्थिक, भौतिक व सामाजिक रूप से मजबूती देना है ।

  • पार्टी से अधिक से अधिक लोगो को जोड़ेगे जो सामूहिक परिवार (ज्वाइंट फैमिली) में विश्वास रखतें हों।
  • समान शुल्क पर समान शिक्षा, समान अवसर व एक स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण

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मिशन

पार्टी का उद्देश्य भारत को विश्व का सबसे आर्थिक ,सामाजिक एवं सांस्कृतिक रुप से शक्तिशाली साम्राज्य बनाने के लिए प्रेरित करना है ।

  • पहले व्यक्ति का विकास होना चाहिएं। व्यक्ति का विकास होगा तो समाज का विकास होगा।
  • अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार पार्टी एक कर्ज मुक्त भारत की कल्पना करता है

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प्रस्तावना

“पार्टी“ विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, पंथ-निरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निश्ठा रखेगा ।

  • प्रत्येक भारतीय को आर्थिक एवं भौतिक उन्नति प्राप्त कराना तथा सुरक्षित संयमित
  • नीयमित एवं सुसंस्कृत तथा जातिगत भेदभाव रहित समाजवादी राज्य कायम करना है

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हमारा संकल्प

पार्टी भारतीय संविधान में उल्लिखित व प्रदत्त इस देश में समता मूलक समाज को स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प व प्रतिबद्ध है।

  • अखंडता व सद्‍भाव

अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार पार्टी का निर्माण इस देश को एक परिवार के रूप में विकसित व स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया है जहां किसी प्रकार का कोई भेद भाव व वैमनस्यता न हो, जहां कोई न उंचा हो न नीचा, सब एक परिवार की तरह मिल जुल कर रहें और एक दूसरे की भावनाओं को समझे, एक दूसरे की मदद के लिए सदैव तत्पर रहें।

  • धर्मनिरपेक्षता

इसी उद्देश्य से पार्टी ने अपने संविधान में इस बात का स्पश्ट उल्लेख किया है कि जो भी व्यक्ति इस पार्टी की सदस्यता स्वीकार करेगा वो पार्टी के अन्दर व बाहर तथा बैनर पोस्टर इत्यादि में अपने नाम के आगे व पीछे लगने वाले जाति उपनाम/टाइटिल का प्रयोग नहीं करेगा जिससे किसी जाति विशेश का प्रर्दशन होता हो और न तो कोई भी सदस्य एक दूसरे से पार्टी के अन्दर उसकी जाति पूछेगा।

हमारी विचारधारा


अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार पाटी का निर्माण स्व0 श्रीमती विमला देवी जी पत्नी श्री राम कृष्ण जी के अथक प्रयास व प्रेरणा से किया गया। जिन्होने अपना पूरा जीवन अपनी क्षमता के अनुसार परिवार व समाज को एक सूत्र में बांध कर समूह में चलने का प्रयास किया और अपने जीते जी उसे कभी बिखरने नहीं दिया । उन्होने हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों व असहायों की मदद की ं। यह दल उनकी सोच व प्रयास का नतीजा है। आज वो हमारे बीच नहीं है। उनका ख्वाब/सपना था कि इस देश को जाति, धर्म, लिंग, भाशा व क्षेत्रवाद से उपर उठाकर एक परिवार के रूप में परिभाशित व विकसित किया जाय। आइये हम सब मिलकर इसे साकार करें। उनके इन्ही विचारों को प्रेरणा श्रोत के रूप में अंगीकार करके एक दृढ़ व मजबूत इच्छा शक्ति के साथ इस देश को एक परिवार बनाये जहां किसी प्रकार की कोई वैमनस्यता, विभेद तथा ऊॅंच नींच व अमीरी गरीबी का भेद भाव न हो।

हमारा लक्ष्य

परिवार एक व्याक्ति से नहीं बल्कि व्याक्तियों के समूह से बनता है। इसी उद्देश्य को आधार मानकर इस दल के संविधान में तटस्थ रूप से इस बात का उल्लेख किया गया है कि जो भी सदस्य इस दल की सदस्यता स्वीकार करेगा उसे इस दल से तीन अन्य सदस्यों को जोड़ना अनिवार्य होगा। या यूं कह लीजिए की प्रत्येक सदस्य को अपने आपको एक परिवार के रूप में विकसित करना होगा जो पूर्ण रूप से एक परिवार की परिकल्पना पर आधारित है। बहुत जल्द ही हम आन लाइन सदस्यता अभियान शुरू करने जा रहें है। आइये हम सब मिलकर तीन कदम एकता की ओर बढ़ायें। हम सब को अपने अन्दर से व्यक्तिवादी भावना को समाप्त करना होगा तथा वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को प्रबल करना होगा । आज हम सब ये संकल्प ले कि अब हम सब कहीं भी अपना परिचय धार्मिक व जातिगत आधार पर नहीं बल्कि एक इंसान के रूप में प्रस्तुत करेंगें।